Priyanshu

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ख़ामोशी।

• Mood: musing
diary

सुबह के पाँच बज रहे हैं।

दो दिनों से नींद नहीं आ रही है, पता नहीं क्यों।

शायद वजह वही हो

बत्ती जला कर सोने की आदत नहीं हैं।

मोबाइल में सब कुछ देख लिया।

अब करने को कुछ बचा नहीं था,

तो सोचा, काफी दिनों से कुछ लिखा नहीं है,

वही कर लिया जाए।

इस सन्नाटे में लिखने का भी अपना ही फायदा है।

शायद इसी वजह से अमिताभ बच्चन रात में लिखा करते हैं

ऐसा महसूस हो रहा है।

शब्द बिना शोर के,

धीरे-धीरे जुबान तक आ जाते हैं।

इस वक्त कोई जल्दबाज़ी नहीं है,

कोई देखने वाला नहीं है।

बस मैं हूँ,

और यह ख़ामोशी।